 
		Journal of Advances in Developmental Research
			E-ISSN: 0976-4844  
			 •   
			Impact Factor: 9.71
		
		A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal
Plagiarism is checked by the leading plagiarism checker 
Call for Paper
		
				Volume 16  Issue 2
				 2025			
Indexing Partners
		 
				 
				 
				
				 
				
				 
				 
				
				 
				 
				 
				 
			 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				मगध के अभिलेखः इतिहास और संस्कृति के पुरातात्त्विक स्रोत
| Author(s) | Ankita Singh | 
|---|---|
| Country | India | 
| Abstract | प्राचीन भारत में बिहार का ऐतिहासिक महत्व अत्यंत गहरा और व्यापक रहा है। इसे प्राचीन काल में मगध के नाम से जाना जाता था, जो उस समय के सबसे शक्तिशाली और प्रतिष्ठित राज्यों में से एक था। बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है, और उनमें मगध सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य के रूप में उभरा। इसका सबसे प्राचीन उल्लेख अथर्ववेद में पाया जाता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तर वैदिक काल तक मगध आर्य संस्कृति और प्रभाव के दायरे से बाहर था। संस्कृत ग्रंथों में, विशेष रूप से अभिधान चिन्तामणि के अनुसार, मगध को ’कीकट’ भी कहा गया है। यह क्षेत्र बुद्धकालीन समय में एक सशक्त राजतंत्र के रूप में उभरा, जो न केवल राजनीतिक शक्ति का केंद्र था, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण था। मगध की सीमाएँ उत्तर में गंगा नदी, दक्षिण में विन्ध्य पर्वत, पूर्व में चम्पा और पश्चिम में सोन नदी तक फैली हुई थीं। इस विस्तृत भू-भाग की राजधानी गिरिव्रज (वर्तमान राजगीर) थी, जो अपने समय का एक प्रमुख नगर था। | 
| Keywords | . | 
| Field | Arts | 
| Published In | Volume 16, Issue 1, January-June 2025 | 
| Published On | 2025-01-20 | 
| Cite This | मगध के अभिलेखः इतिहास और संस्कृति के पुरातात्त्विक स्रोत - Ankita Singh - IJAIDR Volume 16, Issue 1, January-June 2025. | 
Share this

 
		CrossRef DOI is assigned to each research paper published in our journal.
IJAIDR DOI prefix is
10.71097/IJAIDR
Downloads
		
	All research papers published on this website are licensed under Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License, and all rights belong to their respective authors/researchers.
				 
				
			
