Journal of Advances in Developmental Research

E-ISSN: 0976-4844     Impact Factor: 9.71

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 16 Issue 2 July-December 2025 Submit your research before last 3 days of December to publish your research paper in the issue of July-December.

जनसंख्या वृद्धि और नगरीकरण अव्यवस्थित शहरीकरण की चुनौतियाँ

Author(s) उदय सिंह
Country India
Abstract भारत में तीव्र जनसंख्या वृद्धि और नगरीकरण ने आर्थिक विकास को गति तो प्रदान की है, किंतु इसके साथ ही अनेक सामाजिक एवं पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी उत्पन्न हुई है। भारत में वर्ष 1951 में मात्र 17.3 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती थी, जो 2021 में बढकर लगभग 35 प्रतिशत तक पहुँच गई है। इस तेज शहरीकरण का प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार, शिक्षा एवं बेहतर जीवन स्तर की तलाश में पलायन है। परिणामस्वरूप शहरी क्षेत्रों में आवास संकट, झुग्गी बस्तियों का विस्तार, बेरोजगारी, यातायात जाम, प्रदूषण और जल संकट जैसी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं।
प्रस्तुत शोध-पत्र में जनगणना एवं विभिन्न द्वितीयक स्रोतों से प्राप्त आँकडों के आधार पर जनसंख्या वृद्धि और नगरीकरण की प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि अव्यवस्थित शहरीकरण भारतीय शहरों को अस्थिर बना रहा है तथा सतत शहरी विकास के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।
Keywords .
Field Arts
Published In Volume 15, Issue 2, July-December 2024
Published On 2024-09-04
Cite This जनसंख्या वृद्धि और नगरीकरण अव्यवस्थित शहरीकरण की चुनौतियाँ - उदय सिंह - IJAIDR Volume 15, Issue 2, July-December 2024.

Share this