Journal of Advances in Developmental Research

E-ISSN: 0976-4844     Impact Factor: 9.71

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लघु और कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीण आत्मनिर्भरता और आर्थिक सुदृढीकरण का विश्लेषण

Author(s) वेदप्रकाश योगी, डॉ. ऋचा सिंघल
Country India
Abstract भारत में ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, लेकिन कृषि के सीमित संसाधन और मौसमी असफलताओं के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्थायी रोजगार और आर्थिक सुरक्षा की समस्या का सामना करना पडता है। इस शोध का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लघु और कुटीर उद्योगों के योगदान का विश्लेषण करना है, जो ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढावा देते हैं और सामाजिक-आर्थिक सुदृढीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शोध पत्र के विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकलता है कि लघु और कुटीर उद्योगों ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण, आय में वृद्धि और स्थानीय उत्पादों की पहचान बढाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही, इन उद्योगों ने ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिक असमानता को कम करने तथा आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने में मदद की है।
फिर भी, इन उद्योगों के समक्ष वित्तीय सहायता की कमी, अविकसित बुनियादी ढांचा, तकनीकी ज्ञान की सीमाएँ और विपणन के अवसरों की कमी जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं। इसलिए, नीति-निर्माताओं के लिए यह आवश्यक है कि लघु एवं कुटीर उद्योगों को बेहतर वित्तीय समर्थन, प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता, बुनियादी संरचना का विकास और विपणन सहायता प्रदान करे ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
Keywords लघु एवं कुटीर उद्योग, स्वरोजगार, ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, वित्तीय सहायता, विपणन चुनौतियां, सतत विकास सामाजिक प्रभाव।
Published In Volume 16, Issue 1, January-June 2025
Published On 2025-04-05
Cite This लघु और कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीण आत्मनिर्भरता और आर्थिक सुदृढीकरण का विश्लेषण - वेदप्रकाश योगी, डॉ. ऋचा सिंघल - IJAIDR Volume 16, Issue 1, January-June 2025.

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